भारत नही तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बजेंगे भजन या भक्ति गीत? जानिए पूरा मामला

जुम्मे की नमाज के कारण कांवर यात्रा में जा रहे डीजे को पुलिस द्वारा बंद किए जाने का लगा आरोप। भारत नही तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बजेंगे भजन या भक्ति गीत?

दीपक अग्रवाल
  • Aug 11 2024 10:45AM
जुम्मे की नमाज के कारण कांवर यात्रा में जा रहे डीजे को पुलिस द्वारा बंद किए जाने का लगा आरोप। भारत नही तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में बजेंगे भजन या भक्ति गीत? जानिए पूरा मामला यूपी के सीतापुर जिले के बिसवा क्षेत्र में सकरन थाने के अंतर्गत कांवर यात्रा में श्रद्धालुओं संग जा रहे डीजे को पुलिस द्वारा बंद किए जाने पर श्रद्धालुओं और हिंदू संगठनों में भारी रोष है।कांवरियों का कहना है की जुम्मे की नमाज के कारण डीजे को पुलिस द्वारा जबरन बंद करवाया गया। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है की सावन में कांवर ले जाने वाले श्रद्धालुओं का सहयोग करे पुलिस उनकी मंशा के विपरीत कार्य करते दिखी सीतापुर के सकरन थाने की पुलिस।हिंदू पक्ष का एक और आरोप जहां एक ओर पड़ोसी देशों में हिंदुओं के प्रति हो रही हिंसा तथा हिंदुओं की घटी संख्या के साथ वहां हिंदुओं को कोई भी धार्मिक आजादी नहीं उसके विपरीत भारत जो हिंदू बहुसंख्यक होने के बाद भी सर्व धर्म समभाव की भावना के साथ हिंदू सभी को समानता सम्मान देते वहां स्वयं हिंदुओं को उनकी धार्मिक आयोजनों को लेकर लगाई जा रही रोक टोक, आखिर हिंदू भारत के नही तो क्या पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भक्ति गीत या भजन बजायेगे? फिलहाल हिंदू पक्ष को इस बात से अत्यधिक आहत पहुंचा की देश में एकता का संदेश केवल हिंदू पक्ष क्यों दे आखिर भक्ति गीत या भजन से किसको हानि हो सकती है, प्रतिदिन हिंदू भी मुस्लिम पक्ष की नमाज सुनता है दिन में 5 बार जो लाउडस्पीकर पर बजती है।हिंदुओं ने तो कोई शिकायत न समस्या खड़ी नही की न ही किसी के संप्रदाय के रीति रिवाजों से हिंदुओं का धर्म संकट के आया।परंतु जब बात हिंदू पक्ष के रीति रिवाजों की आती है तो अन्य संप्रदायो को आहत क्यों पहुंच जाता है वे संकट में कैसे आ जाते है क्या इतना कमजोर है उनके समाज की नींव? इसी बात से रूष्ट हिंदू संगठनों ने डीजे बंद को लेकर विरोध प्रदर्शन की ठानी। दिनांक 12 अगस्त को बजरंग दल तथा अन्य हिंदू संगठनों ने मिलकर बिसवां तहसील परिसर में आंख पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताने की बात कही।
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