108 दीपको से आरती कर मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव।
सनातन धर्म में परशुराम जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है और यह शुभ दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है। उन्हें श्री हरि का छठा अवतार माना जाता है। परशुराम जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
108 दीपको से आरती कर मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव।
परशुराम जी (Parshuram Jayanti 2024) का जन्म तृतीया तिथि को प्रदोष काल में हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म अधर्मी पापी और क्रूर राजाओं का नाश करने के लिए हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने पृथ्वी से 21 बार क्षत्रियों का विनाश भी किया था। हालांकि भगवान परशुराम एक ब्राह्मण थे जिनमें क्षत्रियों के गुण थे।
सनातन धर्म में परशुराम जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है और यह शुभ दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है। उन्हें श्री हरि का छठा अवतार माना जाता है। परशुराम जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
आपको बतादे कि श्री दाऊ जी महाराज जी मंदिर पर विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर 108 दीपक से भव्य आरती की गई इस मौके पर कैलाश पण्डित अध्यक्ष परशुराम सेवा समिति हसायन बोबी शर्मा जी, बंटी भरद्वाज ,डॉ अभिषेक शर्मा जी, , अंकुर शर्मा काका जी,हरिश कौशिक, हर्ष कौशिक, मोहन शर्मा, नारायण पण्डित, यश पण्डित, हरित अग्निहोत्री, हेमंत कौशल, एवम् विप्र समाज के काफी लोग मौजूद रहे।..