फिल्म एक्टर मिथुन चक्रवर्ती के लोकसभा चुनाव 2024 में उनके लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी. जिसको लेकर उन्होंने खुद स्थिति साफ कर दी है. कोलकाता में लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि, वह उम्मीदवार नहीं हो रहे हैं. पहले उम्मीदवार बनने के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा कि, वह एक उम्मीदवार के तौर पर किसी केंद्र से बंध कर नहीं रहना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि उन्होंने कहा, ”अगर आप उम्मीदवार हैं तो आपको अपनी जगह पर ज्यादा ध्यान देना होगा. बड़े ऑफर थे, लेकिन मैं देने वाला हूं, लेने वाला नहीं.” मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह 1 मार्च से चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. उन्होंने कहा, ”मैं एक मार्च से प्रचार करूंगा. मैं अंत तक रहूंगा.” वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आरएसएस पर टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि, आरएसएस एक सकारात्मक शक्ति है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस को एक सकारात्मक शक्ति है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, ”आरएसएस कोई नकारात्मक ताकत नहीं है. सकारात्मक शक्ति. पूरे भारत में, पूरी दुनिया में. 12 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं. इसके जैसा कोई दूसरा संगठन नहीं है, जिसने देश के लिए इतना कुछ किया हो.
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, अगर महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, तो इससे अधिक घृणित कुछ नहीं हो सकता. इससे बुरा कुछ नहीं है. यह राजनीति से परे है. माताओं और बहनों के लिए सम्मान की बात है.
वहीं विपक्ष को संदेशखाली के अंदर न आने देने को लेकर मिथुन चक्रवर्ती कहते हैं, ”अगर आप इसे नहीं रोकेंगे तो कोई रास्ता नहीं है. अगर रोका नहीं गया तो सच और भी बड़ा सामने आएगा. सच इतना बड़ा सामने आएगा कि वह उसे संभाल नहीं पाएगा. इसलिए दमन जारी रहेगा. लेकिन इस ‘विरोध की आवाज बंद नहीं होनी चाहिए.’
बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटना की जांच के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। छह सदस्यीय इस समिति में दो केंद्रीय मंत्री और चार सांसद शामिल हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न एवं हिंसा की घटना को हृदय विदारक बताया है। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न एवं गुंडागर्दी की घटना निरंतर हो रही है एवं प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है, पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है।