भारत, मध्यप्रदेश
भोपाल-कोलार में सबसे ऊंचा 105 फीट का रावण जलता था, जो इस बार महज 12 फीट का है। ज्यादातर जगहों पर सिर्फ सांकेतिक दहन होगा। जिसमें आयोजक ही मौजूद रहेंगे। भोपाल में कुल 80 जगहों पर पुतले जलाए जाते हैं। भोपाल में रावण के कद को कोरोना ने ‘बौना’कर दिया है। यहां छोला मंदिर के 129 साल पुराने रावण दहन उत्सव में अबकी बार महज 35 फीट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है। पहले यह 60 फीट ऊंचा बनता था। भीड़ भी 5 हजार से ज्यादा नहीं जुट पाएगी जो हर साल एक लाख के पार हो जाती थी। शहर में न कोई बड़ा जुलूस निकलेगा, न किसी को पास भेजा जा रहा है।
इंदौर में दशहरा मैदान, जीपीओ, तिलक नगर, चिमनबाग मैदान, विजय नगर, उषागंज हाईस्कूल मैदान, किला मैदान, कालानी नगर में मुख्य रूप से रावण दहन होता है। लेकिन, कोरोना के चलते इस बार के आयोजन फीके रहेंगे। जिन 10 प्रमुख जगहों पर 100 फीट से ज्यादा ऊंचे रावण जलते थे, वहां इस बार रावण का कद 21 फीट रहेगा।चिमनबाग में इस बार महज 21 फीट का रावण लगेगा। जुलूस या रैली नहीं होगी। आयोजन स्थल पर बिना मास्क के एंट्री नहीं मिलेगी।
जबलपुर में सिर्फ फुहारा पर सांकेतिक रावण दहन होगा। 156 साल पुरानी ये समिति हर साल रामलीला और जुलूस निकालती थी। लेकिन, इस बार जुलूस नहीं निकाला जाएगा। जबलपुर में प्रमुख रूप से 9 जगहों पर दशहरा मनाया जाता है। लेकिन, बाकी मेला समितियों ने प्रशासन के साथ बैठक में दशहरे का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया था।