बिहार में एनडीए सरकार के कामकाज से लोक जनशक्ति पार्टी नाराज दिख रही है।चाहे प्रवासी मजदूरों की वापसी का मसला हो या आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे का सवाल, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान समय-समय पर नीतीश सरकार को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। यह और बात है कि सरकार की ओर से उनके किसी पत्र का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है।
ताजा मामला एनएमसीएच पटना से कोरोना मरीज के लापता होने का है। चिराग ने पत्र लिखकर सरकार से जानना चाहा है कि शेखपुर निवासी रंजीत कुमार आखिर एनएमसीएच से गायब कैसे हो गए। वह एक कोरोना पेशेंट हैं और शेखपुरा आइसोलेशन सेंटर से रेफर होकर 3 जुलाई को राजधानी पटना के कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल एनएमसीएच में भर्ती किए गए थे जहां उनका इलाज चल रहा था। अचानक 6 जुलाई को जब इनके परिवार वाले हॉस्पिटल में मिलने गए तो वहां रंजीत कुमार मौजूद नहीं थे।
अस्पताल प्रबंधन ने रंजीत कुमार के बारे में उनके परिजनों को कोई जानकारी नहीं दी जिससे परिजन काफी परेशान हैं। चिराग ने मुख्यमंत्री से लापता रंजीत कुमार का पता लगवाने,पूरे मामले की जांच करवाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इस पत्र के बहाने लोजपा अध्यक्ष ने एक बार फिर नीतीश सरकार के कामकाज पर गहरा असंतोष प्रकट किया है। पत्र की प्रति राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को भी दी गई है।
पत्र के प्रकाश में आते ही सियासी हलकों में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि क्या चिराग के नेतृत्व में इस बार लोजपा एनडीए से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना रही है। आपको बता दें कि सुदर्शन न्यूज़ ने अपने कार्यक्रम 'सत्ता का महासंग्राम' में पहले ही यह सवाल उठाया था जिसके जवाब में चिराग पासवान ने साफ कहा था कि मौजूदा नीतीश सरकार उसी एजेंडे पर काम कर रही है जो नीतीश-लालू गठबंधन ने तय किया था। उन्होंने यह भी साफ कहा कि एनडीए सरकार को अपना नया एजेंडा तैयार करना चाहिए जिसमें लोजपा की भी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।