जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने लालू परिवार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद का परिवार जमीन के धंधे में लगा रहा है। नौकरी के नाम पर जमीन लिखवाना और टिकट के बदले जमीन लेना, ये लालू परिवार की परंपरा रही है।
ललन सिंह का आरोप है कि लोकसभा चुनाव के वक़्त भी लालू परिवार ने टिकट के एवज में जमीन लिया था। उन्होंने कहा कि अमित कुमार बाकरगंज, लहेरियासराय के रहने वाले हैं। अमित कुमार ने दरभंगा स्थित अपनी जमीन राष्ट्रीय जनता दल के नाम मुफ्त में लिख दिया।
तेजस्वी यादव ने बद्री पूर्वे से जमीन का पेपर लिया। इसके एवज में (वीआईपी) विकासशील इंसान पार्टी को लोकसभा की सीट भी दी और उम्मीदवार भी बनाया। जबकि वह सीट अल्पसंख्यक का था। वहां से अब्दुल बारी सिद्दिकी जी चुनाव लड़ते थे। उनका टिकट काट कर जमीन के बदले बद्री पूर्वे को टिकट दिया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी बताएं बद्री पूर्वे का अमित कुमार से क्या रिश्ता है ? तेजस्वी बद्री पूर्वे से कौन सा कागज ले रहे थे ये बताएं ?
ललन सिंह ने कहा कि इन लोगों को जमीन लेने में भी शर्म नही आयी ? चुनाव के बाद सारे कागज बाहर आएंगे । आरजेडी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा ।
ये कौन सी जनता की भलाई की बात करते हैं, किस बात की आपको चिंता है? आप और आपका पूरा परिवार अकूत संपत्ति बनाने के चक्कर में है। आपको जरा सा भी लज्जा नहीं आती है जब आप कहते हैं कि नीतीश जी हमारे परिवार को दूसरे लोगों से गाली दिलवाते हैं। कौन आपको गाली देता है बताएं ?
ललन सिंह ने तेजस्वी से पूछा है आपकी उम्र कितनी है ? आपने खुद अपने पिता जी-माता जी के राज का बिहार नहीं देखा है तो आपको महसूस कहां से होगा। बिहार के लोगों ने देखा और महसूस किया है। उन्होंने कहा कि लालू अगर गरीबो के मसीहा हैं तो बताएं 15 सालों में उन्होंने ग़रीबों के लिए करता किया।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव दरभंगा पीड़ितों की मदद के लिए नहीं अपने जमीन की बाउंड्री करवाने गए थे। नीतीश कुमार जी का तो साफ कहना है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीडि़तों का है। बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुँचाने के मामले में क्विंटलिया बाबा के नाम से विख्यात हैं । कोशी की त्रासदी के वक्त उन्होंने लोगों को एक-एक क्विंटलअनाज दिया था। कोशी त्रासदी में बाढ़ के बाद भी लोगों को महीनों राहत कैम्प में रखा। अभी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं, आपकी कल्पना से परे की चीज है।