रांची: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम अंसारी ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी कि तमाड़ थाना क्षेत्र में चार मई को हुए हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस संबंध में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जबकि उसके दो अन्य साथियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया है।
ग्रामीण एसपी के अनुसार चार मई को सुबह सात बजे सूचना मिली की तमाड़ थाना क्षेत्र में भिनसाईडीह से रोड के बाएं तरह हराहुरु के पास झाड़ी में हत्या कर एक अज्ञात लाश फेंकी हुई है। सूचना के बाद तमाड़ थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद ने इस संबंध में सीनियर अफसरों को सूचना दी और घटनास्थल पर पहुंचे। शव की पहचान तमाड़ थाना क्षेत्र के पेड़ायडीह निवासी काशीनाथ महतो के रुप में की गई। इसके बाद मृतक की पत्नी सुमित्रा देवी के बयान पर तमाड़ थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।
मामले की जांच कर रहे तमाड़ थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद ने घटनास्थल से एक ब्लेड और एक चप्पल को जब्त किया। इसके बाद सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने ग्रामीण एसपी नौशाद आलम अंसारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। जांच के दौरान पता चला कि सरमाली निवासी संतोष महतो ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। इसके मद्देनजर शनिवार को बुंडू के डीएसपी, एएसआई, तमाड़ के थाना प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मियों के साथ छापामारी कर संतोष महतो को गिरफ्तार कर लिया।
भूमि विवाद में की गयी हत्या
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पेड़ायडीह में खुटकटी जमीन को लेकर बसंती देवी स्वराज मुंडा के बीच जमीन विवाद चल रहा था। दोनों पक्ष उस जमीन पर अपना-अपना दावा जता रहे थे। उस जमीन के नजदीक लखीमनी देवी ने अपनी जमीन पर जीओ का मोबाइल टावर लगवाया है। इसके लिए वे रोड किनारे स्वराज मुंडा की सहायता से एक ट्रांसफार्मर लगा रही थी, जिसका विरोध बसंती देवी ने किया था। बसंती देवी के पक्ष में काशीनाथ महतो, बिरेंद्र महतो, फनी महतो व अन्य लोग थे। इस विवाद के बढ़ने पर स्वराज मुंडा ने रांची कोर्ट में जाकर कोर्ट कम्प्लेन केस कर दिया जिसमें अन्य गवाहों के अलावा हड़िया महतो भी था। इस बात से नाराज होकर काशीनाथ महतो ने हड़िया महतो को की दो बार हत्या का प्रयास किया लेकिन इस संबंध पहले ही जानकारी मिल जाने के बाद हड़िया महतो वहां से भाग निकला।
इसकी जानकारी के बाद हड़िया महतो के बेटे भीम महतो ने काशीनाथ महतो की हत्या की योजना बनाई। इस बात की जानकारी भीम महतो ने संतोष महतो एवं सोमेन महतो को दी। सभी लोग हत्या के लिए तैयार हो गए। फिर तीन मई को दिन में साढ़े तीन बजे पेड़ायडीह स्थित मोड पर भीम महतो और सोमेन महतो खाने पीने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच उनलोगों ने काशीनाथ महतो को पेड़ायडीह के एदेलडीह गांव की ओर साइकिल से जाते हुए देखा। काशीनाथ महतो का पेड़ायडीह में किसी के साथ जमीन विवाद काफी दिनों से चल रहा था। इसी जमीन का मापी के लिए अमीन से संपर्क करने काशीनाथ महतो एदेलडीह जा रहा था। इस बात की जानकारी भीम महतो को पहले से थी। भीम महतो ने काशीनाथ महतो को एदेलडीह की ओर जाते देख संतोष महतो को फोन किया। फिर संतोष बाइक से बादला जाने वाले सड़क पर स्थित पुलिया के पास शाम पांच बजे पहुंचा।
संतोष महतो, भीम महतो और सोमेन महतो ने मिलकर वारदात को दिया थाअंजाम
भीम महतो और सोमेन महतो खाना खाने के बाद शराब पीकर पुलिया पर पहुंचे। इस दौरान भीम महतो अपने साथ कुल्हाड़ी व अन्य हथियार लेकर आया था। फिर सोमेन महतो ने पुलिया पर ही कुल्हाड़ी की धार को रगड़कर तेज किया। फिर सभी काशीनाथ महतो का इंतजार करने लगे। करीब शाम सात बजे काशीनाथ महतो साइकिल से वहां पहुंचा। काशीनाथ को देखकर भीम महतो ने अपने हाथ में हथियार ले लिया और संतोष महतो एवं सोमेन महतो को भी हथियार दे दिया। फिर बाइक को सड़क पर बीचो बीच खड़ा कर दिया। उधर, साइकिल से वहां पहुंचे काशीनाथ को रात में कम दिखाई पड़ने के चलते वो बाइक से टकराकर गिर गया। फिर भीम महतो ने काशीनाथ के सिर पर वार किया। काशीनाथ ने भीम महतो को छोड़ देने की गुहार लगायी। लेकिन तीनों ने मिलकर काशीनाथ महतो की हत्या कर दी और शव को झाड़ियों के बीच फेंक दिया। इसके बाद संतोष महतो ने खून लगे कपड़े, कुल्हाड़ी व अन्य हथियार को घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर कैनाल के पास मिट्टी खोदकर छिपा दिया। पकड़े गए अभियुक्त की निशानदेही पर सभी हथियार को बरामद कर लिया गया। अभियुक्त के अन्य दो साथियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।