रांची: जिले के बुंडू इलाके के चर्चित रूपेश स्वांसी हत्याकांड में डीएसपी पवन कुमार वर्णवाल, राहे के तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार, दशम फॉल के तत्कालीन थानेदार पंकज तिवारी व डीएसपी के बॉडीगार्ड रीतेश कुमार पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलेगा। सीआईडी ने इस मामले में कोर्ट में अभियोजन स्वीकृति के मूल कागजात जमा करा दिए।
सीआईडी को इस कांड में अभियोजन स्वीकृति गृह विभाग से पूर्व में ही मिल चुकी थी। लेकिन स्वीकृति का मूल आदेश सीआईडी से गायब हो गया था। ऐसे में सीआईडी ने दोबारा गृह विभाग से मूल कागजात की मांग की थी। कागजात मिलने के बाद सीआईडी ने इसे शनिवार को कोर्ट में जमा करा दिया। पूरे मामले में अभियोजन संबंधी कागजात के गायब होने पर सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने गंभीरता दिखायी। अभियोजन संबंधी कागजात गायब होने की जानकारी मिलने के बाद पाल्टा ने निर्गत शाखा के प्रभारी दरोगा मो इमरान खान को निलंबित कर दिया है।
क्या है मामला :
सात जुलाई 2016 को बुंडू निवासी रूपेश को पुलिस ने उठाया था। मामला हथियार बरामदगी से जुड़ा था। पूछताछ में पिटाई के कारण आठ जुलाई 2016 को उसकी मौत हो गई थी। मामले में सीआईडी ने अनुसंधान शुरू किया, तब डीएसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया। रुपेश के परिजन भी लगातार न्याय पाने के लिए लड़ते रहे अंततः उस लड़ाई को मुकाम मिलने जा रहा है, आपको बता दें कि CID एडीजी अनिल पाल्टा बेहद कडक और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी माने जाते हैं.