कांग्रेस पार्टी के अंदर असंतोष की आग सुलग रही है, और इस बार लपटें उठ रही हैं क्षत्रिय नेताओं के नाराज़गी से। वीरशिरोमणि महाराणा सांगा जी के अपमान के बाद उपजे विवाद पर मंथन के लिए तय कांग्रेस क्षत्रिय नेताओं की बीती रात 9 बजे होने वाली महत्वपूर्ण ZOOM मीटिंग अचानक रद्द कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने भीतर ही भीतर दबाव बनाकर गुरुवार (10 अप्रैल '25) को यह बैठक रुकवाई।
माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने बगावत की आंच को ठंडा करने के लिए क्षत्रिय नेताओं को फोन कर शांत करने की कोशिश की। नेताओं को समझाया गया कि इस समय मीटिंग करना 'उचित नहीं' होगा। दरअसल, कांग्रेस नेतृत्व को डर था कि यह बैठक पार्टी में असंतोष की खुली बगावत में तब्दील न हो जाए।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मामले को संभालने के लिए व्यक्तिगत दखल दिया और राजपूत नेताओं से संयम बरतने की अपील की। मीटिंग के टलने से कांग्रेस को फिलहाल राहत जरूर मिली है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह सिर्फ समय खरीदने की कोशिश है या कोई ठोस समाधान निकलने वाला है?
राजपूत नेताओं का कहना है कि "रुकना हार नहीं होता", साफ है कि वे झुके नहीं हैं, सिर्फ मौके की तलाश में हैं। मीटिंग आज दोबारा हो सकती है, और तब यह तय होगा कि कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा।
कांग्रेस ने असंतोष को कुछ वक्त के लिए दबा तो दिया है, मगर अंदरूनी हालात बताते हैं कि यह चिंगारी किसी भी वक्त भड़क सकती है। पार्टी के भीतर अस्मिता की लड़ाई ने गहरा संकट खड़ा कर दिया है, और यदि समाधान जल्द नहीं निकला तो कांग्रेस को गंभीर राजनैतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब निगाहें आज की बैठक पर टिकी हैं- क्या कांग्रेस एकजुट रहेगी, या अंदर से बिखरने लगेगी?