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Arunachal Pradesh: उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने केंद्रीय बजट 2025-26 के प्री-बजट बैठक में ली भाग, राज्य की विकास आवश्यकताओं के लिए केंद्रीय सहायता की अपील की

उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए प्री-बजट परामर्श बैठक में भाग लिया है।

Rashmi Singh
  • Dec 22 2024 5:14PM

अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री चौना मीन ने राजस्थान के जयसालमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा आयोजित केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए प्री-बजट परामर्श बैठक में भाग लिया। दरअसल, यह बैठक राज्यों के लिए एक मंच प्रदान करती है। जहां वे आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए अपनी प्राथमिकताओं और सामने आने वाली चुनौतियों को प्रस्तुत कर सकते हैं। इस दौरान चौना मीन ने अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को उजागर करते हुए राज्य की सीमाओं पर बेहतर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

वित्तीय जिम्मेदारी का पालन करने पर जोर 

चौना मीन ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए ‘अरुणाचल प्रदेश वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2006’ के तहत समय पर वेतन, पेंशन और ऋणों का भुगतान सुनिश्चित करने का वचन दोहराया। उन्होंने राज्य के कठिन भौगोलिक परिस्थिति के कारण विकास की लागत में 2.5 गुना अधिक होने की बात भी की। इस अंतर को समाप्त करने के लिए उन्होंने राज्यों को संसाधन आवंटन करते समय ‘कॉस्ट डिसएबिलिटी इंडेक्स’ को ध्यान में रखने का सुझाव दिया।

बाहरी सहायता और परियोजनाओं की आवश्यकता- चौना मीन 

 इस दौरान चौना मीन ने विश्व बैंक, एडीबी और जिका जैसी संस्थाओं से बाहरी सहायता प्राप्त करने की आवश्यकता की बात को रखी है। जिससे राज्य को तकनीकी और वित्तीय सहायता मिल सके। उन्होंने राज्य के पुरानी और खस्ताहाल संरचनाओं को मजबूत आरसीसी भवनों से बदलने के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज की सिफारिश भी की है।

वहीं, उपमुख्यमंत्री चौना ने केंद्रीय सरकार के निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया  है और 'स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (SASCI)' जैसी योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि, इस योजना ने अरुणाचल प्रदेश को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने में मदद की। उन्होंने SASCI (भाग-I) के तहत और अधिक आवंटन की मांग की, ताकि विकास की गति और तेज़ हो सके।

पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता

इस दौरान चौना मीन ने कहा कि,  अरुणाचल प्रदेश, जो एक कार्बन सिंक राज्य है। जिसको पर्यावरणीय स्थिरता में इसके योगदान के लिए प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि "संघ और राज्य सरकारों के बीच समन्वित प्रयासों से ही अरुणाचल प्रदेश अपनी चुनौतियों से उबरकर अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकेगा और राष्ट्रीय प्रगति में योगदान दे सकेगा।"

बैठक में  ये रहे उपस्थित

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के वित्त मंत्री, आर्थिक मामले और व्यय विभाग के सचिव, तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। वहीं, चौना मीन के साथ अरुणाचल प्रदेश के वित्त आयुक्त य. डब्ल्यू. रिंगू भी उपस्थित थे।

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