भारतीय सेना का विशेष आउटरीच कार्यक्रम... द्रास के बच्चों के लिए जम्मू, दिल्ली और जयपुर में राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा

फॉरएवर इन ऑपरेशन्स डिवीजन ने आयोजित की राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा।

Ravi Rohan
  • Nov 4 2024 4:25PM
भारतीय सेना के "फॉरएवर इन ऑपरेशन्स" डिवीजन ने एक अनोखी यात्रा का आयोजन किया, जिसमें द्रास के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भारत की विविध और गौरवमयी संस्कृति से परिचित कराया गया। इस यात्रा का उद्देश्य बच्चों में एकता और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें हमारे देश की विभिन्न सांस्कृतिक विरासतों से रूबरू कराना था।

सांस्कृतिक विविधता का अनुभव

इस यात्रा में आर्मी गुडविल स्कूल, द्रास के 15 छात्रों और दो शिक्षकों ने भाग लिया। उन्होंने जम्मू की भव्यता, दिल्ली का महानगरीय माहौल और जयपुर की ऐतिहासिक शान का आनंद लिया। 25 अक्टूबर को कारगिल युद्ध स्मारक से इस यात्रा की शुरुआत हुई, जिसमें भारतीय संस्कृति और इतिहास के कई महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा शामिल था।

दिल्ली और जम्मू की प्रेरणादायक यात्राएं

यात्रा के दौरान, छात्रों ने जम्मू के प्रमुख शिक्षा केंद्र, आईआईटी का दौरा किया। दिल्ली में, उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और इंडिया गेट जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर जाकर भारत के इतिहास के शौर्य को महसूस किया। इसके अलावा, संसद भवन, नेहरू प्लेनेटेरियम, और राष्ट्रपति भवन भी उनके यात्रा का हिस्सा रहे।

जयपुर का राजस्थानी आकर्षण

राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान से परिचित कराने के लिए बच्चों को जयपुर के आमेर किला, हवा महल और अल्बर्ट हॉल जैसे ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कराया गया। इसके साथ ही, चोखी ढाणी में राजस्थानी व्यंजनों और परंपराओं का लुत्फ उठाने का भी अवसर मिला, जिसने उनके अनुभव को और भी खास बना दिया।

राष्ट्रपति और सेना अधिकारियों से बातचीत

इस यात्रा के दौरान बच्चों को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ। इन चर्चाओं ने बच्चों को शिक्षा और तकनीकी कौशल में सुधार करने के लिए प्रेरित किया। सेना अधिकारियों ने उन्हें अपने सपनों को हासिल करने और भारतीय संस्कृति की विविधता को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।

यात्रा का प्रभाव और सकारात्मक प्रभाव

भारतीय सेना के इस प्रयास से द्रास के बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना और एकता की समझ को और अधिक गहरा किया गया। यह यात्रा बच्चों के लिए जीवनभर के यादगार अनुभव का सबब बनी और उन्हें भारत की सांस्कृतिक विविधता का गहन ज्ञान मिला।

समापन और भविष्य की आशा

3 नवंबर को यह यात्रा समाप्त हुई, और बच्चों के चेहरों पर खुशी और उत्साह झलक रहा था। यह यात्रा न केवल उनके ज्ञान को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई बल्कि उन्हें देश के भविष्य के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित किया।
 

 

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