बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आंकड़े एक बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं, जो कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के तहत देश की असली स्थिति को उजागर कर रहे हैं। जब पूरी दुनिया 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है, बांग्लादेश की हालत बेहद दुखद और परेशान करने वाली है।
समाज में अराजकता और अपराधियों का उत्साह
बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फौजिया मोस्लेम ने कहा कि समाज अराजकता की ओर बढ़ रहा है, जहां अपराधी सजा से बचने में सफल हो रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून प्रवर्तन की नाकामी और जवाबदेही की कमी ने अपराधियों को प्रोत्साहित किया है। फौजिया ने यह भी बताया कि समाज के हर वर्ग को इस स्थिति के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है, नहीं तो इस संकट से निपटना और भी कठिन हो जाएगा।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि
फौजिया मोस्लेम ने प्रमुख समाचार पत्र "द डेली स्टार" से बात करते हुए कहा कि यदि पूरी समाज जागरूक नहीं होगा, तो इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय की बजाय संवाद का रास्ता अपनाया जा रहा है, जिससे महिलाओं के अधिकारों का विरोध करने वालों को ताकत मिल रही है और वे व्यवस्था का शोषण कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था की स्थिति
देश की कानून व्यवस्था की हालत पिछले साल अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद से बिगड़ गई है। इसके साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ढाका स्थित मानवाधिकार सांस्कृतिक फाउंडेशन (एमएसएफ) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी 2025 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा की 295 घटनाएं दर्ज की गईं, जो जनवरी की तुलना में 24 अधिक हैं।
कट्टरपंथी ताकतों का हाथ
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी कट्टरपंथी समूह और आतंकवादी संगठन इन घटनाओं में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। हाल ही में, ढाका में विभिन्न पेशों से जुड़ी 21 महिलाओं ने मीडिया को बताया कि पिछले तीन महीनों में उन्हें घर से बाहर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इन महिलाओं ने यह भी कहा कि उन्हें डर है कि अगर वे विरोध करें तो उन्हें भीड़ का शिकार बनाया जा सकता है।
दो महीनों में 85 महिलाओं का रेप
मानवाधिकार संगठन "ऐन ओ सलीश केंद्र" के अनुसार, फरवरी 2025 में बांग्लादेश में 46 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आईं, जिनमें अधिकतर 18 से 22 वर्ष की आयु की थीं। जनवरी 2025 में इस प्रकार के अपराधों की संख्या 39 थी, जिसमें 15 नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं। इस दौरान देश में कई विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग उठने लगी है।
सरकार की नाकामी पर सवाल
बांग्लादेश महिला परिषद ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई और कानून प्रवर्तन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई यौन हिंसा के मामले सामने आए हैं।