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Vaikuntha Ekadashi 2025: वैकुंठ एकादशी पर इन चीजों का करें दान, सभी मनोकामना होगी पूरी

वैकुंठ एकादशी, जिसे 'मोक्षदा एकादशी' भी कहा जाता है, जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है।

Deepika Gupta
  • Jan 7 2025 2:25PM

वैकुंठ एकादशी, जिसे 'मोक्षदा एकादशी' भी कहा जाता है, जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह विशेष दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए समर्पित है। इस वर्ष, वैकुंठ एकादशी 2025 9 जनवरी को मनाई जाएगी। इसे लेकर श्रद्धालुओं के बीच विशेष आस्था और श्रद्धा का भाव रहता है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ माना जाता है, जो मोक्ष की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस दिन का महत्व इस बात से भी है कि इस दिन भगवान विष्णु के ‘वैकुंठ द्वार’ खुलते हैं, और श्रद्धालु उनके दर्शन करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

कौन सी चीजों का करें दान?

अनाज और अन्न का दान: इस दिन विशेष रूप से अन्न का दान किया जाता है। चावल, गेहूं, तिल और शक्कर का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दान गरीबों और जरुरतमंदों को देना चाहिए।

कम्बल और वस्त्र का दान: ठंड के मौसम में इस दिन विशेष रूप से कम्बल और गर्म वस्त्रों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। यह दान न केवल शरीर को गर्मी प्रदान करता है, बल्कि पुण्य की प्राप्ति भी होती है।

पानी और फल का दान: इस दिन पानी और ताजे फल भी दान किए जाते हैं। इस दान से व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मिक सुख की प्राप्ति होती है।

चांदी और सोने का दान: यदि किसी के पास चांदी या सोने की वस्तुएं हों, तो उनका दान भी इस दिन शुभ होता है। यह दान खासकर ब्राह्मणों या पुजारियों को देना चाहिए।

दीपदान और तुलसी का पूजन: वैकुंठ एकादशी के दिन दीपदान करने का भी विशेष महत्व है। इसके अलावा, तुलसी के पौधे की पूजा और तुलसी के पत्तों का भगवान विष्णु को अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

वैकुंठ एकादशी पर दान का महत्व

वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ विशेष रूप से दान का भी महत्व होता है। हिंदू धर्म में दान को पुण्य प्राप्ति का एक बड़ा माध्यम माना जाता है। इस दिन यदि किसी योग्य व्यक्ति को दान दिया जाए तो वह दान अनंत पुण्य का कारण बनता है और व्यक्ति की सारी कामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होता है।

वैकुंठ एकादशी का उपवास और पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी के दिन विशेष रूप से उपवास रखा जाता है। भक्त दिनभर निर्जला उपवासी रहकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन रातभर जागरण करना और भजन-कीर्तन करना भी शुभ माना जाता है। उपवास और पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास भी होता है।

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