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Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू.. महायुति या महाविकास आघाड़ी, किसकी बनेगी सरकार?

Maharashtra Vidhan Sabha Election Result: महायुति और महाविकास आघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर, क्या है गठबंधन राजनीति का दांव और भविष्य के संकेत?

Ravi Rohan
  • Nov 23 2024 8:02AM

महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों के परिणाम जो भी हों, यह तय है कि राज्य में गठबंधन राजनीति का दौर जारी रहेगा। पिछले 34 सालों में, महाराष्ट्र में कोई भी एक पार्टी अकेले बहुमत प्राप्त नहीं कर पाई है। राज्य में 1995 से शुरू हुआ गठबंधन राजनीति का सिलसिला आज भी जारी है।

आज यानी 23 नवंबर 2024 को जब महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आएंगे, तो यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा कि आगामी सरकार किसके नेतृत्व में बनेगी। यह नतीजे यह साफ करेंगे कि सत्ता महायुति के पास जाएगी या महाविकास आघाड़ी के पास।

महायुति और महाविकास आघाड़ी: गठबंधन की प्रमुख ताकतें

 महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों ही तीन प्रमुख दलों का गठबंधन हैं। महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अजित पवार की नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं। दूसरी ओर, महाविकास आघाड़ी (MVA) में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की NCP शामिल हैं।

चुनाव नतीजे और गठबंधन की राजनीति

बीजेपी ने इस चुनाव में 148 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन उसे बहुमत हासिल करने के लिए शिवसेना और NCP का सहयोग चाहिए होगा। कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा है, और उसे भी UBT और NCP के साथ मिलकर ही सत्ता की उम्मीद है। इस साल, 1995 के बाद सबसे अधिक 66.05% मतदान हुआ है, जिससे दोनों गठबंधनों को विश्वास है कि परिणाम निर्णायक होंगे। इस बार सभी प्रमुख पार्टियां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बैठकों का दौर चला रही हैं, और छोटे दलों व निर्दलीयों से संपर्क बनाए रख रही हैं। 

महाराष्ट्र में गठबंधन राजनीति की शुरुआत

महाराष्ट्र राज्य का गठन 1 मई 1960 को हुआ और पहले विधानसभा चुनाव 1962 में हुए थे। कांग्रेस को उस समय प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ था और उसने 215 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद भी कांग्रेस का दबदबा बना रहा। लेकिन 1978 में जब कांग्रेस में विभाजन हुआ, तब महाराष्ट्र की राजनीति ने नया मोड़ लिया। शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार बनाई। पवार इस समय देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे। 

1990 में गठबंधन राजनीति की शुरुआत


महाराष्ट्र की राजनीति में 1990 के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव आया, जब शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। 1995 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने पहली बार गठबंधन किया और सत्ता में आईं। शिवसेना को 73 सीटें और बीजेपी को 65 सीटें मिलीं। इस प्रकार, महाराष्ट्र में गठबंधन राजनीति की नींव पड़ी, जो आज तक चल रही है।

शरद पवार और कांग्रेस का नया मोर्चा

1999 में शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई। इसके बाद राज्य में दो प्रमुख गठबंधन बन गए: बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-NCP। 1999 से 2019 तक महाराष्ट्र में गठबंधन सरकारें बनीं। 2014 में बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई, और देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बने।

महाविकास आघाड़ी और ऑपरेशन लोटस

2019 में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस और NCP के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी (MVA) सरकार बनाई। हालांकि, तीन साल बाद शिवसेना में फूट के बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। 2023 में अजित पवार ने NCP में एक नया मोड़ लिया और बीजेपी-शिवसेना से गठबंधन कर महायुति का हिस्सा बने। 

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले तीन दशकों से चल रहे गठबंधन राजनीति के सिलसिले को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि आगामी चुनावों के नतीजे फिर से गठबंधन राजनीति की ओर इशारा करेंगे। चाहे सरकार महायुति की बने या महाविकास आघाड़ी की, यह निश्चित है कि राज्य में गठबंधन का महत्व कम नहीं होगा।

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