गाजियाबाद: अपर जिलाधिकारी (नगर) गंभीर सिंह की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, गाजियाबाद की जिला स्तरीय समिति की बैठक महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई।
इस बैठक में खाद्य से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, उपभोक्ता प्रतिनिधि, उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधि, और औषधि विक्रेता संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में आगामी त्योहारों के मद्देनजर उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। जिन खाद्य कारोबारियों का वार्षिक टर्नओवर 12 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए लाइसेंस में परिवर्तन की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिए गए। व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों ने खाद्य पदार्थों के निर्माण स्थलों और थोक विक्रेताओं पर प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की आवश्यकता उठाई।
विशेष रूप से कुटू का आटा, सिंघाड़े का आटा, और फलों को पकाने वाली इकाइयों का गहन निरीक्षण और प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया गया। अपर जिलाधिकारी (नगर) ने संबंधित तहसील के तहसीलदारों के साथ समन्वय स्थापित कर आर.सी. की वसूली के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी (नगर) ने अपने उद्बोधन में कहा कि खाद्य सुरक्षा आने वाले दिनों में एक चुनौती है, जिसे मार्केटिंग, पैकेजिंग, और बिक्री के स्तर पर सतर्कता बरतकर सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को मीड-डे-मील, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों, और बाल विकास पुष्टाहार में विभाग द्वारा वितरित खाद्य पदार्थों की निरंतर निगरानी के लिए भी निर्देशित किया।
बैठक में सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में 5 कैंटीन और रसोई की जांच कर वहां के प्राधिकृत व्यक्तियों के साथ भोजन में प्रयुक्त खाद्य पदार्थों का निरीक्षण करने और एक सप्ताह के भीतर अपर जिलाधिकारी (नगर), गाजियाबाद को संकलित रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए। बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड-II, जिला सूचना अधिकारी योगेंद्र प्रताप सिंह, औषधि निरीक्षक, और व्यापार मंडल के प्रतिनिधि जैसे सुनील अरोड़ा, संदीप बंसल, प्रवीन मित्तल, और राजीव त्यागी भी उपस्थित थे।